Punjab News Update , चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि प्रदेश सरकार 158 गांवों की 40 हजार एकड़ जमीन कथित लैंड पुलिंग योजना के तहत एक्वायर करने जा रही है, जो वास्तव में जमीन हड़पने की योजना है। उन्होंने केंद्रीय जमीन अधिग्रहण अधिनियम,2013 के बजाय पंजाब क्षेत्रीय टाउन प्लानिंग और विकास अधिनियम, 1995 के तहत राज्य भर में 40 हजार एकड़ जमीन एक्वायर करने का फैसला किया है।
सुखबीर बादल ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए 15 जुलाई को लुधियाना से विरोध प्रदर्शन शुरू होगा। उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा 1995 के राज्य जमीन अधिग्रहण अधिनियम के तहत जबरदस्ती कोड़ी के भाव पर अधिग्रहित की जाने की योजना है, जिसका मकसद किसानों को लूटकर अपने स्वयं के खजाने को भरना है।
बादल ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
अकाली दल अध्यक्ष ने बादल ने कहा कि केंद्रीय जमीन अधिग्रहण, अधिनियम ,2013 में पुनर्वास योजना के अलावा कलेक्टर दर से चार गुना ज्यादा मुआवाज देने की बात कही गई थी, जबकि 1995 के पंजाब अधिनियम ने आप सरकार को जमीन अधिग्रहण से बाहर रखने के साथ-साथ अधिग्रहित जमीन को पटटे पर देने, नीलामी करने यां आवंटित करने की छूट दी थी।
उन्होंने कहा कि यह सब 10 हजार करोड़ रुपए इकटठा करने के लिए किया जा रहा है।सरकार इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार है, चाहे वह 1995 के पंजाब अधिनियम की धारा 56 के तहत जमीन अधिग्रहण से छूट देना हो यां राज्य अधिनियम की धारा 43 के तहत अपने चहेते लोगों को नीलामी, पटटे यां आवंटन की अनुमति देना हो।
प्रदेश विकास प्राधिकरणों में बाहरी सदस्य
बादल ने कहा कि निजी जमीन डिवेलपर्स को अवैध लाभ पहुंचाने की आप की योजना से यह भी स्पष्ट है कि विकास प्राधिकरणों के सभी 4 सदस्य बाहरी हैं। उन्होंने कहा कि इसका साफ तौर पर मतलब है कि प्राधिकरण दिल्ली से चलाया जाएगा। बादल ने यह भी बताया कि नए अधिग्रहण के कारण छोटे किसानों का बहुत ज्यादा नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि 50 एकड़ जमीन रखने वालों को 60 फीसदी जमीन वापिस मिलेगी जबकि 9 एकड़ जमीन रखने वालों को सिर्फ 33 फीसदी जमीन वापिस मिलेगी। उन्होंने कहा कि एकबार एक्वाय की अधिसूचना जारी होने के बाद किसानों को जमीन बेचने यां कर्जा लेने या जमीन के जमीन के उपयोग में बदलाव(सीएलयू) करने की भी अनुमति नहीं होगी।
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