Chandigarh Breaking News , चंडीगढ़ : तख्त श्री पटना साहिब ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को तनखइया घोषित कर दिया है। लेकिन शिअद ने इसका विरोध किया है। शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने कहा कि जो फैसला तख्त श्री पटना साहिब के पंज प्यारों द्वारा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को तनखाहिया करार देने का किया गया है। यह सिख परंपरा के विपरीत एवं श्री अकाल तख्त साहिब को चुनौती देने वाला है, क्योंकि श्री पटना साहिब के पांच प्यारों के पास इस तरह का कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी भी सिख को इस तरह से तनखाहिया करार दे सकें।
इससे पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब के बारे भी जो निर्णय इन्होंने किया था वह भी बिना कोई आधार सिख विरोधी ताकतों के इशारे पर किया गया । इन फैसलों का न तो कोई आधार है और न ही कोई अधिकार है, क्योंकि हर तख्त साहिब से इस उस क्षेत्र से संबंधित धार्मिक मसलों पर विचार किया जा सकता है या उसके बारे फैसला किया जा सकता है। लेकिन सांझे राष्ट्रीय मसलों के बारे सिर्फ और सिर्फ श्री अकाल तख्त साहिब से ही आदेश दे सकता है।
तख्त श्री पटना साहिब ने इसलिए सुनाया फैसला
तख्त श्री पटना साहिब की ओर से 20 दिनों के भीतर सुखबीर को पेश होने के आदेश दिए गए थे। सुखबीर ने आदेशों का पालन नहीं किया था। जानकारी के अनुसार तख्त श्री पटना साहिब ने सुखबीर बादल को एक मुद्दे पर दो बार स्पष्टीकरण के लिए बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। बाद में उन्हें 20 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया, लेकिन सुखबीर बादल फिर भी तख्त के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। इस पर तख्त ने उन्हें तनखइया घोषित कर दिया। इससे पहले पिछले साल अगस्त में श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर सिंह बादल को तनखइया घोषित किया गया था।
अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर बादल को अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई पंथक गलतियों के लिए दोषी माना गया था। धार्मिक सजा के तौर पर उन्हें सेवादार और जूते-बर्तन साफ करने को कहा गया था। दिसंबर 2024 में जब सुखबीर श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से दी गई धार्मिक सजा भुगतने श्री हरमंदिर साहिब पहुंचे थे तो एक व्यक्ति ने उन पर गोली चला दी थी। हालांकि वे बाल बाल बच गए थे। पुलिस ने आरोपी नारायण सिंह चौड़ा को गिरफ्तार कर लिया था।
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