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शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और पाकिस्तान के लाहौर में उनकी मूर्ति लगाने पर विवाद, सुनिए क्या बोले भगत सिंह के भतीजे.


लुधियाना  ( Rajan )  :- लाहौर स्थित शादमान शोंक का नाम स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने और उनकी प्रतिमा स्थापित करने की योजना पर नया विवाद खड़ा हो गया है।सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी और लाहौर जिला प्रशासन की राय के बाद इसे खारिज कर दिया गया है. यह जानकारी पाकिस्तान के लाहौर कोर्ट में लिखी गई है. जिसमें यह भी टिप्पणी की गई है कि भगत सिंह स्वतंत्रता सेनानी नहीं बल्कि आतंकवादी थे। पाकिस्तान सरकार ने कोर्ट में इसका जवाब दिया है.2018 में लाहौर कोर्ट ने शादमान चौक के ना भगत सिंह को हिरासत में रखने के लिए कदम उठाने को कहा था, जिसके जवाब में स्थानीय सरकार ने यह जवाब दाखिल किया है. पाकिस्तान की स्थानीय सरकार के इस जवाब दाखिल करने के बाद नया विवाद खड़ा हो गया हैवहीं भगत सिंह के प्रेमियों खासकर भगत सिंह के परिवार वालों ने भी इस पर अपना विरोध जताया है. लुधियाना में रहने वाले
शहीद भगत सिंह के भतीजे प्रोफेसर जगमोहन सिंह ने कहा है कि शुरू से ही सरकारों का यही काम रहा है.जो लोग अब ऐसी घटिया हरकतें कर रहे हैं उन्होंने कहा कि इससे भगत सिंह की छवि पर कोई फर्क नहीं पड़ता है, उन्होंने कहा कि जब यह मामला सामने आएगा तो न सिर्फ भारत में रहने वाले लोग बल्कि पाकिस्तान में रहने वाले लोग भी भगत सिंह के बारे में ज्यादा रिसर्च करेंगे. कृतियों में उनके विचार पढ़ेंगे क्योंकि यह सब इंटरनेट पर उपलब्ध हैऔर जब वे इसे पढ़ेंगे, तो उनके विचारों में यह बात आएगी और वे इसके बारे में और अधिक जानेंगे। उन्होंने कहा कि भगत सिंह को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह एक ऐसी शख्सियत थे. इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शादमान चौक इसलिए लोकप्रिय है क्योंकि भगत सिंह को फांसी देने की सजा लिखने वाले को इसी स्थान पर गोली मारी गई थी.उन्होंने यह भी कहा कि जिसे नास्तिक कहा जाता है इसका मतलब यह नहीं है कि वह धर्म में विश्वास नहीं करता है, उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि वह तर्क में अधिक विश्वास करता है।
 

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