पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है। इसके चलते बीएसएफ ने सीमा से सटे गांवों में सतर्कता बढ़ा दी है। बीएसएफ ने गुरुद्वारा साहिब में ऐलान करवाया है कि कंटीली तारों के पार खेतों में लगी फसलों को दो दिनों में समेट लिया जाए, क्योंकि इसके बाद गेट बंद किए जा सकते हैं। इसके बाद किसी भी किसान को फसल काटने या अन्य कार्य के लिए सीमा पार जाने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, ज्यादातर किसानों ने गेहूं की कटाई पूरी कर ली है और अब पराली से भूसा बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
बीएसएफ ने यह भी चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में सीमा से सटे गांवों को खाली करवाया जा सकता है। इसके लिए राजाताल, नौशिहरा ढल्ला, चहल, नेष्टा, महावा, चौगांवा, भिंडीसैदा सहित कई गांवों में ऐलान करवाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों की बर्बरता का भारत सरकार को करारा जवाब देना चाहिए। उनका मानना है कि युद्ध कोई समाधान नहीं, लेकिन पाकिस्तान की हरकतें इसे अपरिहार्य बना रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार होने वाली अशांति से स्थायी निजात जरूरी है।
किसानों ने सरहद पार खेतों से जल्दबाजी में काटी गेहूं
भारत-पाक तनाव के बीच सीमावर्ती इलाकों में किसानों ने सरहद से सटे खेतों में गेहूं की फसल जल्दबाजी में काट ली है। बीएसएफ के निर्देश पर किसानों ने तेजी से कटाई शुरू की, क्योंकि किसी भी समय गांव खाली करने का आदेश आ सकता है। किसान संतोष सिंह और गुरदेव सिंह ने बताया कि उनके खेत सीमा से कुछ ही दूरी पर हैं। तनाव को देखते हुए उन्होंने कंबाइन से गेहूं कटवा ली है।
ग्रामीण जसविंदर सिंह के मुताबिक, सरहद के पास सभी खेतों से गेहूं काट ली गई है और फेंसिंग के पार खेतों में बीएसएफ द्वारा फसल कटवाई जा रही है। किसान सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अब गांव खाली करने का आदेश आए तो भी फसल की चिंता नहीं होगी। पिछले तनाव के दौरान जल्दबाजी में गांव खाली करने से कई ग्रामीणों की फसल और सामान का नुकसान हुआ था। इस बार किसानों ने फसल काटकर मंडियों में पहुंचा दी है। ग्रामीणों की मांग है कि एक बार आर-पार की लड़ाई हो ताकि बार-बार उजड़ने की नौबत ना आए।
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