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निजी अस्पताल ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए लगभग मृत घोषित हो चुके एक गरीब व्यक्ति का बिना पैसों के इलाज कर उसे बचा लिया।


गुरदासपुर ( Rajan ) :-  जहां कुछ निजी और सरकारी अस्पताल नैतिकता से दूर होने की मिसाल कायम करते रहते हैं, वहीं कुछ अस्पताल मानवता की भी मिसाल पेश करते हैं, जिससे इस पेशे पर लोगों का भरोसा बरकरार है।हेल्पिंग हैंड सोसायटी के प्रधान एडवोकेट धीरज शर्मा, शिव सेना हिंदुस्तान के अध्यक्ष रोहित अबरोल और शिव सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष हरविंदर सोनी ने संयुक्त रूप से कहा कि हाल ही में एक व्यक्ति को सांप ने काट लिया था, जिसके परिवार में वह अकेला था क्योंकि एक व्यक्ति उसे आरपी अरोड़ा अस्पताल में ले गया। गंभीर स्थितितो
उस अस्पताल ने मानवता दिखाते हुए एक महीने तक मुफ्त इलाज करके उस व्यक्ति की जान बचाई जो मौत के कगार पर था और आज उसी तरह संजीव शर्मा नाम का एक व्यक्ति है जिसके सिर पर भारी चोट लगने के कारण उसकी जान खतरे में थी और नहीं कोई उसकी मदद कर सकता था लेकिन वह जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था, इसलिए किसी ने उसे 108 एम्बुलेंस के माध्यम से सरकारी अस्पताल बाबरी पहुंचाया।जहां चिकित्सकों डाॅ. उनकी अनदेखी की गई और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया लेकिन कुछ सामाजिक कार्यकर्ता उन्हें किसी तरह स्थानीय देवल अस्पताल ले गए, जहां एक बार फिर डॉक्टरों ने मानवता के साथ उनका इलाज किया और उनकी जान
 बचाई, जबकि अस्पताल को पता था कि उन्हें एक पैसा भी नहीं मिलेगा। यह।इस मरीज की जानकारी मिलते ही उक्त नेता अस्पताल पहुंच गयेऔर अस्पताल की मनाही के बावजूद उन्होंने जबरन अस्पताल का बिल चुकाया और मरीज को अपने घर ले गये.मौके पर पहुंचे उक्त समाजसेवियों ने लालची अस्पतालों से सबक लेने की अपील की ताकि इस पेशे को बदनाम होने से बचाया जा सके क्योंकि यह पेशा भगवान का दर्जा रखता है.
 


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