भगवंत मान सरकार ने सिर्फ सड़कें नहीं देखीं, पूरे सिस्टम की मरम्मत शुरू की है। जेलों में 252 करोड़ की ओवरहॉलिंग हो रही है, जहां 5G जैमर, AI कैमरे और लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम लगे हैं। पुलिसिंग से लेकर टैक्स सिस्टम तक में पारदर्शिता लाने के लिए टेक्नोलॉजी को पूरी तरह अपनाया गया है। अब ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट में दलाली की जगह AI आधारित HAMS तकनीक है, जिससे हर उम्मीदवार की परीक्षा रिकॉर्ड होती है और रिजल्ट में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती। लेकिन सबसे बड़ी और दूरगामी योजना शिक्षा के क्षेत्र में शुरू हुई है। सरकार 10,000 शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग दे रही है। यह सिर्फ शिक्षक नहीं, वो पायनियर होंगे जो आने वाली पीढ़ियों को AI की भाषा सिखाएंगे। लाखों छात्रों को अब स्कूली स्तर पर ही AI की ट्रेनिंग मिलेगी, जिससे पंजाब का नौजवान सिर्फ नौकरी ढूंढने वाला नहीं रहेगा, वो खुद रोजगार पैदा करने वाला बनेगा।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में AI आधारित कोर्स शुरू हो चुके हैं, ताकि खेती से जुड़े परिवारों को भी तकनीकी शिक्षा मिल सके। सरकार ने पंजाबी भाषा को भी AI में इंटीग्रेट करने का मिशन शुरू किया है, जिससे हमारी मातृभाषा को विश्वस्तरीय पहचान मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए नए डिजिटल अवसर खुलेंगे।
यह बदलाव केवल नीतियों का नहीं, सोच का है। अब विकास का मतलब सिर्फ सड़कों और इमारतों तक सीमित नहीं, बल्कि उस तकनीक तक पहुंच है जो हर नागरिक के जीवन को आसान बनाए। भगवंत मान सरकार ने साबित किया है कि जब सरकार की नीयत साफ हो और फैसले जनहित में हों, तो जनता का पैसा सुरक्षित भी रहता है और उसका भविष्य भी। पंजाब आज एक नई दिशा में बढ़ रहा है, जहां फैसले कागज़ों में नहीं, ज़मीन पर दिखते हैं। यह वही पंजाब है, जो अब घोटालों से नहीं, ईमानदारी और विकास से आगे बढ़ने की सोच से पहचाना जाएगा।
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