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Punjab News Update : पंजाब में अभी बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं : बरिंदर गोयल


Punjab News Update , चंडीगढ़ : पंजाब के जल स्रोत मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने वर्तमान में प्रदेश में किसी तरह की बाढ़ के खतरे की बात को सिरे से नकारते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसी कोई स्थिति नहीं है। कैबिनेट मंत्री ने विधानसभा में जानकारी दी कि पंजाब में जल भंडारों का स्तर स्थिर है और राज्य में वर्तमान समय में बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर संभावित स्थिति से निपटने के लिए पुख़्ता प्रबंध किए गए हैं।

विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह द्वारा जल भंडारों में पानी के स्तर के बढ़ने के कारण निचले क्षेत्रों में बाढ़ के खतरे को रोकने संबंधी प्रस्तुत किए गए ध्यान आकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए जल स्रोत मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि 10 जुलाई, 2025 तक प्रमुख जल भंडारों में पानी का स्तर सुरक्षित सीमाओं के भीतर रहा।

भाखड़ा डैम का जलस्तर 1590.48 फीट

उन्होंने बताया कि भाखड़ा डैम में वर्तमान स्तर 1590.48 फीट है, जो 2023 की बाढ़ के दौरान 10 जुलाई, 2023 को 1614.89 फीट था। इसी तरह पोंग डैम में वर्तमान स्तर 1325.48 फीट है, जो 2023 की बाढ़ के दौरान 10 जुलाई, 2023 को 1350.63 फीट था। उन्होंने बताया कि रंजीत सागर डैम में वर्तमान स्तर 505.41 मीटर है, जो 2023 की बाढ़ के दौरान 10 जुलाई, 2023 को 520.2 मीटर था। जल स्रोत मंत्री ने बताया कि तीनों जल भंडार सुरक्षित ढंग से काम कर रहे हैं और खतरे के स्तर से काफी नीचे हैं।

किसी भी स्थिति से निपटने को हम तैयार

उन्होंने बताया कि बाढ़ की तैयारी के लिए जल स्रोत विभाग ने किसी भी संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक उपाय सक्रिय रूप से लागू किए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने बाढ़ की रोकथाम के लिए 204.5 करोड़ रुपये के फंड अलॉट किए हैं। एस.डी.एम.एफ, मनरेगा और विभागीय फंडों के उपयोग से 599 प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि विभागीय मशीनरी के उपयोग से 4766 किलोमीटर से अधिक नालों, नदियों और चोओं की गाद साफ की गई है। उन्होंने बताया कि स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन फंड (एस.डी.एम.एफ) के तहत बांधों की मजबूती के लिए प्रोजेक्ट लिए गए हैं। जिÞलों में 8.76 लाख ई.सी. बैग (बोरियां) खरीदी गई हैं और 2.42 लाख बोरियां भरकर रखी गई हैं। इसके अलावा मिट्टी की स्थिरता को बढ़ाने के लिए 53,400 बांस के पौधे लगाने के साथ-साथ 1044 चेक डैम, 3957 सोक पिट और 294 किलोमीटर लंबे वेटिवर घास के पौधे पूरे किए गए हैं।


 

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