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भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ उठाने की समय सीमा 31 जुलाई तक बढ़ा दी


लुधियाना, 19 जुलाई – भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ उठाने के लिए समय सीमा 31 जुलाई, 2025 तक बढ़ा दी है।

डिप्टी कमिश्नर लुधियाना हिमांशु जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, पंजाब के अंतर्गत कच्चे मकानों को नियमित करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत नए लाभार्थियों की पहचान करने हेतु मोबाइल ऐप "आवास प्लस 2024" को 15 मई, 2025 तक खोल दिया है। उन्होंने बताया कि लुधियाना के ग्रामीण क्षेत्र में कुल 39117 लाभार्थियों ने लाभ उठाने के लिए अपने नाम पंजीकृत कराए हैं।

भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, इस सर्वेक्षण की अंतिम तिथि को बढ़ाकर अब इसे एक बार फिर 31 जुलाई 2025 तक खोल दिया गया है, जिसके तहत ब्लॉक स्तर से प्रत्येक गाँव के लिए अलग-अलग सर्वेक्षक नियुक्त किए गए हैं जो घर-घर जाकर इस ऐप पर सर्वेक्षण के माध्यम से पात्र लाभार्थियों की प्रविष्टियाँ करेंगे ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी इस योजना के तहत लाभ पाने से वंचित न रहे।

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि "आवास प्लस 2024" और "आधार फेस आरडी" ऐप प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं। सरकार ने इस "आवास प्लस 2024" मोबाइल ऐप पर स्व-सर्वेक्षण का भी प्रावधान किया है, इसलिए यदि कोई पात्र लाभार्थी इस मोबाइल ऐप के माध्यम से अपना पंजीकरण कराना चाहता है, तो वह अपने फ़ोन में प्ले स्टोर से "आवास प्लस 2024" और आधार फेस आरडी इंस्टॉल करके अपना स्व-सर्वेक्षण कर सकता है।

अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास)-सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज़िला परिषद लुधियाना अमरजीत बैंस ने बताया कि सरकार ने उन ज़रूरतमंद परिवारों के लिए 15 दिनों के लिए फिर से फॉर्म खोल दिए हैं जिन्होंने किसी व्यक्तिगत कारणों से इस योजना के तहत फॉर्म नहीं भरा है ताकि कोई भी ज़रूरतमंद व्यक्ति इस योजना का लाभ लेने से वंचित न रहे। प्रत्येक गाँव के लिए अलग से नियुक्त सर्वेक्षक की जानकारी के लिए संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के कार्यालय या संबंधित पंचायत के मनरेगा योजना के जीआरएस से संपर्क किया जा सकता है।

अब तक जिले में 37835 लाभार्थियों का सहायता प्राप्त सर्वेक्षण तथा 1282 लाभार्थियों द्वारा स्वयं सर्वेक्षण किया जा चुका है। चूँकि इस मोबाइल ऐप पर पंजीकरण पूर्णतः निःशुल्क है, इसलिए लाभार्थियों से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।

अतिरिक्त उपायुक्त ने जिले के सभी गाँवों के पात्र/ज़रूरतमंद परिवारों से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की।


 

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