पांच सिख द्वारा सुनाए गए 'तनखाह' (धार्मिक दंड) के पूरा होने के बाद अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा ने अकाल तख्त पर मत्था टेका। अपने बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा और अन्य समर्थकों के साथ ढींडसा ने प्रायश्चित के लिए 'अरदास' की और अकाल तख्त के निर्देशानुसार 'भेटा' चढ़ाया। इसके साथ ही 'तनखाह' के दौरान उनके गले में लटकी 'अपराध स्वीकारोक्ति' की पट्टिका हटा दी गई। ढींडसा उन पूर्व अकाली नेताओं में शामिल थे, जिनमें शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल भी शामिल थे, जिन्हें 2 दिसंबर को जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने अकाल तख्त के 'फसील' (मंच) से 'तनखाइआ' करार किया था।
तन्खा पूरा करने के बाद अकाल तख्त पहुंचे अकाली नेता सुखदेव ढींढसा
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