इससे पहले, उच्च न्यायालय ने पाया था कि मोहाली के खरड़ में सीआईए कार्यालय के परिसर में आयोजित इंटरव्यू में पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत का पता चलता है। इसके बाद न्यायालय ने डीजीपी को अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने पंजाब के गृह एवं न्याय विभाग के प्रधान सचिव को 2 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया।
मंगलवार को न्यायालय ने डीजीपी द्वारा दायर हलफनामे को दर्ज किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले दिए गए उनके बयान की प्रतिलिपि अवश्य उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
पंजाब के महाधिवक्ता ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है और अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही है। पीठ को बताया गया कि डीएसपी रैंक और उससे ऊपर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई गृह मंत्रालय और न्याय विभाग करेगा।
इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए एडीजीपी जेल ने जेल की सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों को करने वाला हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। अदालत ने अगली सुनवाई से पहले हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया।
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