Designed And Powered By Manish Kalia 9888885014 Ⓒ Copyright @ 2023 - All Rights Reserved


 


 

Chandigarh News : पंजाब के हितों से समझौता नहीं करेंगे : अमन अरोड़ा

Chandigarh News , चंडीगढ़ : पंजाब के आम आदमी पार्टी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने प्रदेश की विपक्षी पार्टियों पर आरोल लगाते हुए कहा है कि पिछली सरकारों पर राज्य के हितों की पूरी तरह से उपेक्षा की। उन्होंने कहा कि उन लोगों ने बिना सोचे समझे ऐसे समझौते किए जिनका प्रदेश पर बहुत ज्यादा आर्थिक भार पड़ा। अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए पूरी मजबूती से खड़ी रहेगी।

पंजाब के हिस्से का पानी दूसरे राज्यों को दिया

अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है और इसका जीवन किसानों, खेतों और पानी के इर्द-गिर्द घूमता है। उन्होंने पिछली सरकारों की संकीर्ण मानसिकता और दूरदर्शिता की कमी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने केवल चुनावी लाभों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है और लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या इसकी निर्भर है। अरोड़ा ने कहा कि पंजाब के लोग भली-भांति जानते हैं कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में जब पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें थीं, तब सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का निर्माण कपूरी से शुरू हुआ था।

पंजाब को यह भी ज्ञात है कि किसने इसे अदालत में चुनौती दी थी और बाद में उसी कांग्रेस सरकार में इसे कैसे वापस ले लिया गया था। उन्होंने कहा कि पानी का मुद्दा हर पंजाबी के लिए अत्यंत भावनात्मक है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बीबीएमबी चयन कमेटी में भी पक्षपातपूर्ण बदलाव करने की कोशिश की, जिसमें पंजाब (पावर) और हरियाणा (सिंचाई) के तौर पर सदस्य शामिल थे। उन्होंने कहा कि हालांकि पंजाब द्वारा बीबीएमबी परियोजना का लगभग 60 प्रतिशत खर्च वहन किया जाता है। केंद्र ने प्रदेश के हितों और अधिकारों की पूरी तरह अनदेखी की है।

बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार भी कांग्रेस काल में हुआ

उन्होंने बताया कि पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार भी कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुआ था। जून 2018 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि पंजाब की जेलों की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंप दी जाए — यह दर्शाता है कि पंजाब पुलिस को अक्षम बताया गया। उन्होंने कहा कि यह राज्य की स्वायत्तता और सुरक्षा मामलों को लेकर उनकी सोच पर सवाल खड़ा करता है।


 

Post a Comment

Post a Comment (0)

Previous Post Next Post