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Punjab Haryana Water Conflict : बीबीएमबी आज करेगा पानी आवंटन पर फैसला


Punjab Haryana Water Conflict (ब्यूरो), चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे पानी विवाद के बीच आज बीबीएम की अहम बैठक चंडीगढ़ में हो रही है। इस बैठक में बीबीएमबी के अधिकारियों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। ज्ञात रहे कि पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर लगातार विवाद चल रहा है। इसी बीच पंजाब सरकार ने बीबीएमबी पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है।

बैठक में केंद्रीय जल आयुक्त के चीफ इंजीनियर भी भाग लेंगे। इस दौरान तीनों राज्यों को जून माह में पानी आवंटित किया जाएगा। दूसरी ओर, यह लगभग साफ हो गया है कि हरियाणा को 20 मई तक अतिरिक्त पानी नहीं मिल पाएगा, क्योंकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे मामले की अगली सुनवाई 20 मई को है। जबकि 21 मई से हरियाणा को अगले साल के लिए पानी मिलना शुरू हो जाएगा।

हाईकोर्ट से मिला हरियाणा को झटका

हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के मसले पर पंजाब सरकार को आज एक महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई, जब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब की समीक्षा याचिका को गंभीर मानते हुए हरियाणा सरकार और बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) को नोटिस जारी किया। अदालत ने उनसे अतिरिक्त पानी की मांग और जल वितरण के संबंध में स्पष्टीकरण देने को भी कहा है।

अपनी टिप्पणी में उच्च न्यायालय ने जल आवंटन पर बीबीएमबी अध्यक्ष के बदलते रुख पर सवाल उठाया और स्पष्टीकरण मांगा कि हरियाणा को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता क्यों है? यह निर्णायक हस्तक्षेप पंजाब के जल संसाधनों पर उसके संवैधानिक और कानूनी अधिकारों को मजबूत करता है एवं दोनों राज्यों के बीच विवाद में पंजाब का पक्ष मजबूत करता है।

पंजाब ने बीबीएमबी की अनियमित्ताओं को किया उजागर

उच्च न्यायालय का आदेश पंजाब सरकार की लगातार बेहतर कानूनी रणनीति का परिणाम है, जिसने हरियाणा द्वारा अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग के दौरान बीबीएमबी में प्रक्रियागत अनियमितताओं को उजागर किया। आम आदमी पार्टी ने भी उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की सराहना की और इसे ऐतिहासिक बताया। आप नेताओं ने कहा कि यह निर्णय पंजाब के जल अधिकारों की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

पार्टी ने पंजाब के जल की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई और न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर मोर्चे पर लड़ाई जारी जारी रखने की बात कही। उच्च न्यायालय ने बीबीएमबी और हरियाणा से पूर्व की घटनाओं के संबंध में भी जवाब मांगा, जिसमें बीबीएमबी ने अवैध रूप से पानी छोड़ने का प्रयास किया और अधिकारियों को हटाया। पंजाब का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि हरियाणा के दावों के संबंध में केंद्रीय बिजली मंत्रालय के सचिव द्वारा कोई वैध आदेश जारी नहीं किया गया।


 

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