Punjab News Today, चंडीगढ़ : पंजाब में नशे को जड़ से खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत प्रदेश पुलिस हर जिले में छापेमारी कर रही है और नशा तस्करों को सलाखों के पीछे भेज रही है। इसी अभियान की समीक्षा करते हुए डीजीपी गौरव यादव ने प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारियों की बैठक ली।
इस दौरान डीजीपी ने कहा कि पुलिस का ध्यान आंकड़े-आधारित लक्ष्यों पर नहीं है, बल्कि राज्य भर में नशों की शून्य उपलब्धता के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को पूरी तरह तोड़ना है। उन्होंने आगे कहा कि सीपीज/एसएसपीज को पहले ही निर्देश दिए गए हैं कि वे एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए जा रहे मामलों के अगले-पिछले संबंधों का पता लगाएं और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करके मामलों को तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएं।
राज्य को नशा मुक्त पंजाब बनाना लक्ष्य
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की राज्य को ‘नशा मुक्त पंजाब’ बनाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, डायरेक्टर जनरल आॅफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने आज जिला पुलिस प्रमुखों को 31 मई तक जमीनी स्तर पर नशों की उपलब्धता को शून्य करने के बारे में सख्त अल्टीमेटम देते हुए कहा कि ऐसा करने में विफल रहने पर स्टेशन हाउस आॅफिसर (एसएचओ) स्तर तक के सभी अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
31 मई के बाद होगी पुलिस अधिकारियों की समीक्षा
डीजीपी ने कहा कि 31 मई के बाद, सभी अधिकारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन पेशेवर मानदंडों, इंटेलिजेंस और जनता से फीडबैक की मदद से किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सर्वेक्षण के बाद, बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को इनाम दिया जाएगा, जबकि खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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