लुधियाना : दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) में जीवन रक्षक पहल के तहत लुधियाना की 56 वर्षीय महिला की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बाद उसके अंगों का दान किया गया, जिससे कई व्यक्तियों को नया जीवन मिला। अस्पताल में भर्ती महिला को शनिवार को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। ब्रेन डेड घोषित होने के बाद अस्पताल की इन-हाउस ऑर्गन रिट्रीवल एवं ट्रांसप्लांटेशन टीम, जिसमें डॉ. पीएल गौतम के नेतृत्व वाली क्रिटिकल केयर एवं एनेस्थीसिया टीम और डॉ. गुरसागर सिंह सहोता के नेतृत्व वाली लिवर ट्रांसप्लांट टीम शामिल थी, ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। महिला के लिवर को लिवर सिरोसिस से पीड़ित एक मरीज में ट्रांसप्लांट किया गया, जबकि उसकी किडनी को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए दो निजी अस्पतालों में पहुंचाया गया। डोनर के कॉर्निया को कॉर्नियल बैंक में सुरक्षित रखा गया, जिससे जरूरतमंद दो व्यक्तियों को दृष्टि बहाल होने की उम्मीद जगी। डीएमसीएच के मुख्य लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. गुरसागर सिंह सहोता ने बताया कि प्राप्तकर्ता लंबे समय से लिवर की क्षति के कारण लिवर ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहा था और यह दान उनके लिए जीवन बदलने वाला क्षण था।
लुधियाना: शहर के अस्पताल में लीवर के मरीज को मिली नई जिंदगी
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