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जगराओं के गांव अखाड़ा के निवासियों ने कोई भी चुनाव बूथ नहीं लगने दिया, वे पहले ही चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं, आलम यह है कि गांव में गैस फैक्ट्री के खिलाफ चल रहे धरने के दौरान प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की.


जगराओं  ( Rajan ) :- जगराओं के नजदीकी गांव में गैस फैक्ट्री के खिलाफ दिन-रात चल रहे धरने में संघर्ष मोर्चा ने वोट का बहिष्कार किया और गांव में एक भी पोलिंग बूथ नहीं बनने दिया. करीब 3300 वोट वाले इस गांव में चुनाव आयोग द्वारा 148-149 और 150 नंबर के तीन बूथ बनाये जाने थे, लेकिन ग्रामीणों ने वोट का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया और एक भी बूथ नहीं बनने दिया. जिसके कारण इस गांव के अखाड़े से केवल एक ही वोट पोल हुआ है जो चुनाव ड्यूटी के दौरान एक सरकारी कर्मचारी को मिला था।एसडीएम भी कर चुके हैं अपील: हाल ही में जगराओं के एसडीएम गुरवीर सिंह कोहली ने भी बयान जारी कर कहा था कि फैक्ट्री लगाने के लिए मालिकों
 द्वारा नियमों के मुताबिक सभी कानूनी अनुमति ली गई है. इसके बावजूद उन्होंने फैक्ट्री मालिकों से बैठकर ग्रामीणों की चिंताओं का समाधान करने को भी कहा है. उन्होंने गांव के लोगों से भी अपील की थी कि दोनों पक्ष मिल-बैठकर संदेह दूर करें और वोट बहिष्कार का फैसला बदल लें और ज्यादा से ज्यादा वोट करने की अपील की थी.उन्होंने कहा कि मतदान हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. जिसका प्रयोग प्रत्येक नागरिक को करना चाहिए।
क्या कहना है विरोध समिति के अध्यक्ष दर्शन सिंह का: इस संबंध में प्रदर्शनकारी महिलाएं और विरोध समिति के अध्यक्ष दर्शन सिंह ने कहा कि गैस गांव में इस फैक्ट्री के खिलाफ हमारा विरोध करीब एक और एक साल से चल रहा है. आधे महीने, लेकिन आज एडीसी साहब हमारे पास आए और कहा कि आप वोट करें अगर आपको पार्टी का कोई उम्मीदवार पसंद नहीं है तो नोटा का बटन दबाएं, हम कहना चाहते हैं कि यह विरोध लगभग एक और एक साल से चल रहा है। आज से नहीं आधे महीने.वहीं वोट बहिष्कार की घोषणा के कई दिन बीत गये, इसकी खबर प्रशासन को पहले नहीं लगी. प्रधान ने कहा कि प्रशासन हमारे साथ बैठकें करता है, लेकिन अंत में एक ही निष्कर्ष निकलता है कि फैक्ट्री मालिक की मदद की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार ने हमारी कोई सुध नहीं ली, जिसके कारण हमारे नागरिकों ने निर्णय लिया है कि प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री बंद होने तक यह
 शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.क्या कहना है किसान नेता इंद्रजीत धालीवाल का: इस मौके पर किसान नेता इंद्रजीत धालीवाल ने कहा कि प्रशासन के साथ-साथ किसी भी राजनीतिक दल ने इस प्रदूषित फैक्ट्री को बंद कराने के लिए धरना-प्रदर्शन की जहमत तक नहीं उठाई, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. एक भी वोट नहीं डाला यह तय हो गया है.क्या कहना है एडीसी अमित सरीन का: विरोध प्रदर्शन के बीच पहुंचे जगराओं के एडीसी अमित सरीन ने कहा कि हमने ग्रामीणों के साथ बैठक की है.जिसमें हमने अपील की है कि वोट हमारी ताकत है और इसे बिना क्रूरता के इस्तेमाल करना चाहिए, आपकी बाकी मांगों की जांच की जाएगी और जो गलत पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति इस मामले पर विचार कर रही है, हमें दोबारा बैठक करनी चाहिए और लगता है कि मामला सुलझ जायेगा.
 


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